Double Bottom Pattern Kya Hai in Hindi डबल बॉटम चार्ट पैटर्न

Double Bottom Chart Pattern दोस्तों आज हम बात करने वाले हैं एक बुलिश चार्ट पेटर्न के बारे में अगर आप इस चार्ट पेटर्न कोअच्छे से समझ लेते हो और इस पैटर्न पर आप प्रैक्टिस कर लेते होतो आप इंट्राडे ट्रेडिंग, स्विंग ट्रेडिंग और मार्केट में निवेश करते समय बहुत बड़ा प्रॉफिट जनरेट कर सकते हो |

शेयर मार्केट में कैंडलेस्टिक चार्ट पेटर्न में सबसे महत्वपूर्ण चार्ट पेटर्न डबल बॉटम चार्ट पैटर्न इसे माना गया है क्योंकि इस पैटर्न के बनने के बाद मार्केट में बहुत बड़ी रैली आती है क्योंकि इस चार्ट पेटर्न की लोकप्रियता और accuracy बहुत ज्यादा है |

दोस्तों हमने पिछली पोस्ट में आपको हेड एंड शोल्डर चार्ट पैटर्न सिखाया था ठीक इसी प्रकार से इस पोस्ट में हम आपको बताएंगे की डबल बॉटम चार्ट पेटर्न में आपको एंट्री कैसे लेनी है टारगेट कितना रखना है स्टॉप लॉस कहां लगाना है और इसके साथ ही लाइव मार्केट में इस चार्ट पेटर्न को कैसे पहचाना है |

दोस्तों अगर आप पूरा ध्यान पूर्वक इस पोस्ट को पढ़ते हो तो आपको दोबारा से डबल बॉटम चार्ट पेटर्न के बारे में सीखना नहीं पड़ेगा क्योंकि मैं यहां पर आपको इस पैटर्न की हर ख़ूबी हर जानकारी आपके साथ शेयर करने वाला हूँ तो चलिए आज की पोस्ट शुरू करते हैं और आपको बताते हैं यह चार्ट पेटर्न कैसे काम करता है और आपको इस चार्ट पेटर्न के बनने के बाद क्या साइकोलॉजी रखना है  |

Double Bottom Chart Pattern

Contents

Double Bottom Pattern Kya Hota Hai

दोस्तों यह पैटर्न मार्केट के किसी शयेर या इंडेक्स मार्केट के चार्ट में Down ट्रेंड में बनता है मार्केट ऊपर से नीचे आ रही होती है तब मार्केट सपोर्ट लेवल पर दो चोटियां बनती है और रेजिडेंस लेवल की तरफ एक चोटी बनती है यह आपको देखने में अंग्रेजी के Word “W” की तरह दिखाई देता है |

दोस्तों जब शयेर की कीमत नीचे आ रही होती है लोअर लो लगाकर शयेर की कीमत एक सपोर्ट लेवल पर आकर रुक जाती है वहां से दोबारा ऊपर की तरफ चलती है एक रेजिडेंस लेवल (एक स्तर) पर जाकर रुक जाती है वहां से फिर दोबारा नीचे की तरफ आती है अब पहली बार जहां से शयेर की कीमत ने सपोर्ट लिया था इस स्तर पर आकर शयेर की कीमत दोबारा से रुक जाती है |

पहले वाले सपोर्ट लेवल को बॉटम1 और अब जब शयेर की कीमत दोबारा आकर रुकी है उसे हम बॉटम2 बोलेंगे जैसा आप पिक्चर में देख रहे हैं ठीक इसी प्रकार से यह पैटर्न बनता है |

double bottom chart pattern kya hai

शयेर की कीमत बॉटम1 से चलने के बाद जहां रेजिडेंस लेवल पर रुक कर वापस बॉटम 2 की तरफ आई थी अब बॉटम2 से शयेर की कीमत दोबारा से रेजिडेंस लेवल पर पहुंचेगी तब यह पैटर्न पूरा हो जाता है इस डबल बॉटम पैटर्न बोला जाता है |

अब आप इसमें दो प्रकार से ट्रेड ले सकते हैं अगर आपको मार्केट के बारे में पूरी जानकारी है और आप कैंडलेस्टिक पेटर्न को पहचानते हो तो जहां पर इस पैटर्न में बॉटम 2 बना था वहां पर आप एक अच्छी बुलिश कैंडल देखकर और उसके ब्रेक आउट पर ट्रेड ले सकते थे अगर आपने वहां पर ट्रेड नहीं लिया है तो अब आप रेजिडेंस लेवल के ब्रेक आउट का इंतजार करिए और उसके बाद Retest पर ट्रेड ले सकते हैं |

इस पैटर्न में ट्रेड कैसे लेना है उसके बारे में हम आगे बताने वाले हैं विस्तार से और साथ इसमें स्टॉप लॉस कहां लगाना है टारगेट कितना रखना है इसके बारे में भी चर्चा करेंगे | डबल टॉप पैटर्न

डबल बॉटम पैटर्न का निर्माण कैसे होता है

डबल बॉटम पैटर्न की संरचना को निम्नलिखित घटकों में समझा जा सकता है:

  1. पहला बॉटम (First Bottom):
    डाउनट्रेंड के दौरान, कीमतें गिरते हुए एक न्यूनतम स्तर तक पहुँचती हैं, जहाँ उन्हें सपोर्ट मिलता है और वे थोड़ी ऊपर की ओर बढ़ती हैं। यह पहला बॉटम होता है।
  2. नेकलाइन (Neckline):
    पहला बॉटम बनने के बाद कीमतें ऊपर की ओर बढ़ती हैं और एक रेजिस्टेंस स्तर तक पहुँचती हैं। इस स्तर को नेकलाइन कहा जाता है। यह रेजिस्टेंस लाइन महत्वपूर्ण होती है, क्योंकि इसके ऊपर की ब्रेकआउट बाजार में तेजी का संकेत देता है।
  3. दूसरा बॉटम (Second Bottom):
    नेकलाइन से कीमतें वापस गिरती हैं और लगभग पहले बॉटम के समान स्तर पर पहुँचती हैं। अगर कीमतें फिर से उसी स्तर पर रुक जाती हैं और पलटने लगती हैं, तो यह दूसरा बॉटम बनता है।
  4. ब्रेकआउट (Breakout):
    दूसरे बॉटम के बाद, अगर कीमतें ऊपर की ओर बढ़ती हैं और नेकलाइन को तोड़ देती हैं, तो इसे ब्रेकआउट कहा जाता है। यह ब्रेकआउट इस पैटर्न की पुष्टि करता है और संकेत देता है कि बाजार में तेजी आ सकती है।

शेयर बाजार में चार्ट पेटर्न का निर्माण Traders की साइकोलॉजी से होता है Traders जैसा सोच कर डिसीजन लेते हैं चार्ट में वह आपको देखने को मिलता है डबल बॉटम चार्ट पेटर्न का निर्माण जब होता है जब मार्केट डाउन ट्रेंड में होती है |

मैं आपको इस चार्ट पेटर्न के निर्माण होने की साइकोलॉजी बताने जा रहा हूं दोस्तों जरा सोचिए हम कोई भी चीज सस्ते भाव में खरीदना पसंद करते हैं ठीक इसी प्रकार से अगर हम भी शेयर मार्केट में कोई भी शेयर कम दाम पर खरीदेंगे और आगे चलकर उसका दाम बढ़ जाता है तो हमें प्रॉफिट मिलता है कोई भी ऐसा ट्रेड नहीं है जो मार्केट के किसी शेयर के हाई प्राइस पर उसे खरीदें और उसे कम प्राइस में बेचे |

मान लीजिए शेयर मार्केट में शेयर बाजार में किसी कंपनी के शेयर की कीमत घटे जा रही है यानी की उसका शेयर डाउन ट्रेंड में चल रहा है जैसे-जैसे शेयर का प्राइस डाउन ट्रेंड में जाता जाएगा तो एक ऐसा लेवल पर आने के बाद जहां पर उस शेयर का प्राइस सभी को लुभाने लगेगा और सभी उसे खरीदना पसंद करेंगे |

अब स्टॉक मार्केट में बैठ बड़े-बड़े इंसाइडर, ट्रेडर तथा निवेशक उसे शेयर में बहुत ज्यादा ऑर्डर में खरीदारी कर देंगे इस वजह से एकदम से उसे शेयर का प्राइस ऊपर भागने लगेगा यहां पर उसे शेयर के चार्ट में Downtrand से एक लेवल पर स्टॉक सपोर्ट लेकर जैसे ही ऊपर गया तो अंग्रेजी के अक्षर “V” के तरह कि शेप बन गई 

अब एक ऐसे लेवल पर जाकर उसे शेयर की कीमत में खरीददारों को लगेगा कि अब प्रॉफिट बुक कर लेना चाहिए तो वह अपना प्रॉफिट बुक करेंगे और उस शेयर को बेचेंगे जैसे ही उसे शेयर को वह सभी बेचेंगे तो शेयर दोबारा से अपने इस सपोर्ट लेवल पर आ जाएगा जहां से उसमें एकदम से बड़ी खरीददारी आई थी 

अब दोबारा से जिन्होंने उसे शेयर को नहीं खरीदा था जिनके हाथ से यह अपॉर्चुनिटी निकल गई थी तो वह अब दोबारा से इसमें खरीदने को तैयार है जैसे ही नई Buyers इस शेयर को खरीदेंगे दोबारा से शेयर की कीमत में तेजी आएगी और फिर से वह शेयर की कीमत ऊपर की तरफ भागेगी और “W” उस सपोर्ट लेवल पर जाकर थोड़ा धीरे हो जाएगी जहां से शेयर को बेचा गया था 

Double Bottom Chart Pattern nirman

अब मार्केट के सभी Buyer और Seller सेलर की नजर उसे शेयर पर पड़ेगी तो सभी को लगेगा कि इस शहर में ट्रेंड चेंज हो गया है इसलिए वह भी अपनी एंट्री बना लेंगे जिस वजह से उसे शेयर का प्राइस और ऊपर की तरफ भागने लगेगा इस प्रकार से इस पैटर्न का स्टॉक मार्केट के चार्ट पर निर्माण होता है |

डबल बॉटम पैटर्न के निर्माण के पीछे की सायकोलॉजी

डबल बॉटम पैटर्न के निर्माण के पीछे बाजार के प्रतिभागियों की भावनाएँ और उनके निर्णय महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसे समझना जरूरी है, क्योंकि इससे आप बाजार की गतिविधियों का बेहतर विश्लेषण कर सकते हैं।

  1. पहला बॉटम: विक्रेताओं का दबदबा
    पहले बॉटम का निर्माण तब होता है जब बाजार में विक्रेताओं का दबदबा होता है। कीमतें गिरते हुए एक न्यूनतम स्तर तक पहुँचती हैं, लेकिन उस स्तर पर खरीदार प्रवेश करते हैं और कीमतें ऊपर की ओर बढ़ने लगती हैं। यह दर्शाता है कि उस स्तर पर खरीदारों की संख्या बढ़ रही है।
  2. नेकलाइन पर संघर्ष
    पहले बॉटम के बाद, कीमतें ऊपर की ओर बढ़ती हैं और एक रेजिस्टेंस स्तर (नेकलाइन) पर पहुँचती हैं। इस स्तर पर विक्रेताओं का दबाव फिर से बढ़ता है और कीमतें गिरने लगती हैं। यह दर्शाता है कि बाजार में अभी भी अनिश्चितता है और खरीदारों को पूरी तरह से नियंत्रण हासिल नहीं हुआ है।
  3. दूसरा बॉटम: खरीदारों की मजबूती
    दूसरे बॉटम के दौरान, कीमतें पहले बॉटम के समान स्तर पर पहुँचती हैं, लेकिन फिर से वहाँ से पलट जाती हैं। यह दर्शाता है कि खरीदारों का आत्मविश्वास बढ़ रहा है और विक्रेताओं का दबाव कमजोर हो रहा है।
  4. ब्रेकआउट: तेजी का संकेत
    जब कीमतें दूसरी बार ऊपर जाती हैं और नेकलाइन को तोड़ देती हैं, तो यह दर्शाता है कि खरीदारों ने पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया है और बाजार में तेजी का रुझान आ सकता है। इस ब्रेकआउट के बाद कीमतों में स्थिर वृद्धि की संभावना होती है।

Double Bottom Pattern की पहचान कैसे करें

दोस्तों शेयर या इंडेक्स के चार्ट में आपको डबल बॉटम पैटर्न को पहचानने के लिए सबसे पहले तो मार्केट का Down ट्रेंड चेक करना है की मार्केट गिरते हुए ट्रेंड में हो उसके बाद बॉटम में मार्केट सपोर्ट लेकर एक बार ऊपर गई हो और उसके बाद रेजिडेंस लेकर नीचे आई हो 

इस प्रकार से आपको चार्ट पर बॉटम पर होरिजेंटल लाइन ड्रा कर लेनी है और रेजिडेंस पर भी होरिजेंटल लाइन ड्रा कर लेनी है जिससे आपको पहले तो मार्केट में अंग्रेजी के अक्षर V के आकार का शेप दिखाई देगा जब मार्केट रेजिडेंस लेवल से रेजिडेंस लेकर वापस नीचे आ गई होगी सपोर्ट लेवल पर तो आपको अंग्रेजी का अक्षर N उल्टा दिखाई देगा तब आपको समझ लेना है कि अब यहां पर डबल बॉटम पैटर्न बनने वाला है अभी भी आपको पैटर्न को चार्ट पर पूरा होने देना है |

जैसे ही मार्केट दूसरी बार बॉटम पर सपोर्ट लेकर एक बुलिश कैंडल बनाए और उसे अगली कैंडल उस बुलिश कैंडल का हाई ब्रेक कर दे तो आपको समझ लेना है अब मार्केट डबल बॉटम बनाने वाली है और ऊपर की तरफ रेजिडेंस लेवल तक जाएगी |

डबल बॉटम पैटर्न की पहचान करना आसान है अगर आप इसकी संरचना को समझते हैं। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु दिए गए हैं जिनकी मदद से आप इस पैटर्न को पहचान सकते हैं:

  1. W आकार का पैटर्न: सबसे पहले, चार्ट पर “W” आकार के पैटर्न की पहचान करें, जिसमें दो बॉटम्स और एक नेकलाइन होती है।
  2. दो समान न्यूनतम बिंदु: दोनों बॉटम्स की ऊँचाई लगभग समान होनी चाहिए। अगर दोनों बॉटम्स के बीच बहुत अधिक अंतर है, तो यह पैटर्न की सटीकता को प्रभावित कर सकता है।
  3. नेकलाइन का विश्लेषण: नेकलाइन वह रेजिस्टेंस लाइन है, जो पहले और दूसरे बॉटम के बीच की ऊँचाई को जोड़ती है। अगर कीमतें इस रेजिस्टेंस को तोड़ती हैं, तो यह पैटर्न की पुष्टि होती है।
  4. वॉल्यूम का ध्यान रखें: ब्रेकआउट के समय वॉल्यूम का बढ़ना इस पैटर्न की पुष्टि को मजबूत करता है। अगर ब्रेकआउट के समय वॉल्यूम अधिक होता है, तो यह संकेत होता है कि बाजार में तेजी का रुझान मजबूत हो सकता है।

Double Bottom चार्ट पैटर्न में टाइम फ्रेम कितना सेट करें

दोस्तों हर कोई ट्रेडर टाइम अपने सुविधा के अनुसारअपने टाइम फ्रेम का उपयोग करता है जैसे अगर दोस्तों आप इंट्राडे ट्रेडिंग कर रहे हैं और आपको मार्केट में कुछ ही घंटे के लिए रहना है और अपना प्रॉफिट निकालना है तो इसके लिए आपको 15 मिनट का टाइम फ्रेम उपयोग करना चाहिए |

और आप अगले एक हफ्ते 10 दिन या 15 दिन के लिए ट्रेड कर रहे हैं स्विंग ट्रेडिंग कर रहे हैं तो आप उसके अंदर 1 घंटे, 4 घंटे का टाइम फ्रेम का उपयोग कर सकते हैं |

दोस्तों इसके अलावा आप किसी शेयर को अगले 6 महीने या 1 साल तक होल्ड करके रखना चाहते हैं तो आपको 1Day एक दिन का टाइम फ्रेम चूज करना चाहिए |

डबल बॉटम पैटर्न में ट्रेडिंग कैसे करें?

डबल बॉटम पैटर्न में ट्रेडिंग करते समय कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं का ध्यान रखना चाहिए:

  1. कंफर्मेशन का इंतजार करें: केवल W आकार देखकर ट्रेड में प्रवेश न करें। जब कीमतें नेकलाइन को तोड़ती हैं और उसके बाद एक या दो कैंडल्स उसी दिशा में मूव करती हैं, तभी कंफर्मेशन के साथ ट्रेड में प्रवेश करें।
  2. स्टॉप लॉस सेट करें: ट्रेडिंग में जोखिम को कम करने के लिए स्टॉप लॉस सेट करना जरूरी है। डबल बॉटम पैटर्न में स्टॉप लॉस को दूसरे बॉटम के ठीक नीचे सेट करें। इससे अगर बाजार विपरीत दिशा में जाता है, तो आपका नुकसान सीमित रहेगा।
  3. टार्गेट सेट करें: टार्गेट सेट करने के लिए, नेकलाइन और बॉटम के बीच की ऊँचाई को मापें और इसे नेकलाइन से जोड़कर टार्गेट निर्धारित करें। उदाहरण के लिए, अगर बॉटम की ऊँचाई 50 पॉइंट्स है और नेकलाइन 150 पॉइंट्स पर है, तो आपका टार्गेट 200 पॉइंट्स हो सकता है।
  4. वॉल्यूम का विश्लेषण करें: ब्रेकआउट के समय वॉल्यूम का बढ़ना इस पैटर्न की पुष्टि को मजबूत करता है। अगर वॉल्यूम अधिक है, तो आप ट्रेडिंग में अधिक आत्मविश्वास के साथ प्रवेश कर सकते हैं।

Double Bottom Pattern में ट्रेड कब लें

दोस्तों जब शेयर की कीमत रेजिडेंस लेवल से चलकर बॉटम 2 पर आती है और एक कैंडल बॉटम 2 के सपोर्ट लेवल को ब्रेक करने की कोशिश करती है उसका कलर लाल हो जाता है और उसके बाद एकदम से वह लाल कैंडल हरि किंडल में बदल जाती है |

उसके बाद आपको सचेत हो जाना है अब आपके इंतजार करना है अगली कैंडल पिछली कैंडल का जैसे ही अगली कैंडल पहले वाली हरी कैंडल का High हाय ब्रेक करती है तब आपको यहां परट्रेड बना लेना है |

double bottom chart pattern me trade kaise le

यहां पर एक सिनेरियो और भी हो सकता है जो पहले हरि कैंडल बनी है उससे आगे वाले नेक्स्ट कैंडल पहले वाले हरि कैंडल का Low ब्रेक ना करें तब भी आप यहां पर अपनी ट्रेड पच कर सकते हैं |

डबल बॉटम पैटर्न में टार्गेट कितना सेट करें

डबल बॉटम चार्ट पेटर्न में ट्रेड लेने के बाद आप टारगेट रेजिडेंस लेवल तक का ले सकते हैं जैसा कि मैं आपके ऊपर बताया जैसे ही शेयर का प्राइस बॉटम एक से रेजिडेंस लेवल तक जाता है और वहां से वापस बॉटम 2 पर आता है तो अब दोबारा बॉटम 2 से प्राइस शेयर का प्राइस रेजिडेंस लेवल तक जाएगा इसलिए 

आप रेजिडेंस लेवल तक का टारगेट लगा सकते हैंअगर रेजिडेंस लेवल पर जाकर मार्केट अगले कुछ घंटे तक कंसोलिडेटेड करती है कंसोलिडेटेड चार्ट पेटर्न बनती है तो आप वहां पर और ऊपर के लिए भी टारगेट ले सकते हैं यहां पर आपको अपना स्टॉपलॉस ट्रेल करना होगा |

Double Bottom Chart Pattern में स्टॉप लॉस कैसे लगाये

दोस्तों स्टॉक मार्केट में कोई भी ट्रेड लेने से पहले अपना टारगेट और स्टॉप लॉस डिसाइड करना होता है शेयर बाजार में कुछ भी हो सकता है मार्केट कभी भी पलट सकती है डबल बॉटम पैटर्न में स्टॉपलॉस लगाने के लिए को थोड़ा सा कैलकुलेशन करना होगा |

[ डबल बॉटम स्टॉप लॉस = (रेजिस्टेंस- सपोर्ट)/4 ]

मान लीजिए शेयर का प्राइस रेजिडेंस लेवल पर ₹100 था उसके बाद रेजिडेंस लेवल से जैसे ही शेयर का प्राइस बॉटम 2 पर आया तो उसे समय उसकी कीमत ₹60 हो गई थी |

स्टॉप लॉस = 100-60=40  

स्टॉप लॉस = 40/4=10

स्टॉप लॉस = 10 रुपये 

इस प्रकार से आप अपना स्टॉपलॉस डबल बॉटम पैटर्न में ₹10 नीचे लगा सकते हैं |

Double Bottom Chart Pattern में Fake Break Out से कैसे बचे

दोस्तों जब चार्ट पर डबल बॉटम पैटर्न बनता है और पूरी तरह से कंफर्म हो जाता है की डबल बॉटम पैटर्न बनने वाला है तो उसे समय आपको उसे शेयर का वॉल्यूम चेक करते रहना चाहिए अगर वॉल्यूम लाल रंग में दिख रहा है और शेयर का प्राइस थोड़ा ऊपर नीचे हो रहा है वहां पर कैंडल हरि बन रही है और लंबी बना रही है तो सोच लेना मार्केट में गड़बड़ चल रही है |

आपको वहां पर बहुत सचेत रहना होगा जब तक कंफर्ममेंसेन ना मिले तब तक आपको ट्रेड नहीं लेना चाहिए क्योंकि मार्केट में कई बार दिखाई कुछ जाता है और होता कुछ है इसलिए फेक ब्रेक आउट से बचने के लिए आपको शेयर का वॉल्यूम चेक करना बहुत जरूरी है अगर वॉल्यूम लाल कलर में है और बढ़ रहा है तो आपको वहां पर ट्रेड लेने से बचना चाहिए क्योंकि यह फेक ब्रेक आउट हो सकता है और आपका स्टॉपलॉस जा सकता है |

डबल बॉटम पैटर्न के फायदे और सीमाएँ

फायदे:

  1. तेजी का स्पष्ट संकेत: डबल बॉटम पैटर्न एक मजबूत बुलिश रिवर्सल का संकेत देता है, जिससे निवेशकों को समय पर खरीदारी का मौका मिलता है।
  2. सरलता: इस पैटर्न को पहचानना और समझना आसान है, खासकर नए निवेशकों के लिए। इसकी स्पष्ट संरचना के कारण इसे चार्ट पर ढूंढना और ट्रेडिंग निर्णय लेना सरल होता है।
  3. उच्च सटीकता: अगर सही ढंग से पहचाना जाए और कंफर्मेशन लिया जाए, तो यह पैटर्न उच्च सटीकता के साथ कार्य करता है।
  4. लचीलापन: डबल बॉटम पैटर्न का उपयोग विभिन्न समयावधियों (जैसे, इंट्राडे, स्विंग ट्रेडिंग, और लॉन्ग-टर्म ट्रेडिंग) में किया जा सकता है।

सीमाएँ:

  1. फेक ब्रेकआउट: कभी-कभी डबल बॉटम पैटर्न के दौरान फेक ब्रेकआउट्स हो सकते हैं, जो गलत संकेत देते हैं और ट्रेडर्स को नुकसान का सामना करना पड़ सकता है।
  1. लंबी अवधि का इंतजार: डबल बॉटम पैटर्न को पूरी तरह से विकसित होने में समय लगता है। इसलिए, धैर्यपूर्वक इंतजार करना आवश्यक होता है। अगर आप जल्दीबाजी में ट्रेडिंग करते हैं, तो गलत निर्णय लेने की संभावना बढ़ सकती है।
  2. अन्य संकेतकों की आवश्यकता: केवल डबल बॉटम पैटर्न पर निर्भर रहना पर्याप्त नहीं होता। अन्य तकनीकी संकेतकों, जैसे RSI, MACD, और मूविंग एवरेज का उपयोग करना भी जरूरी है। इससे आपको पैटर्न की पुष्टि मिलती है और आप अधिक सटीक ट्रेडिंग निर्णय ले सकते हैं।
  3. समय की सटीकता: सही समय पर ट्रेड में प्रवेश और एग्जिट करना महत्वपूर्ण होता है। यदि आप समय पर ट्रेड नहीं करते, तो यह पैटर्न आपके लिए लाभ की जगह नुकसान का कारण बन सकता है।

डबल बॉटम पैटर्न का अभ्यास कैसे करें?

  1. पेपर ट्रेडिंग: डबल बॉटम पैटर्न का अभ्यास करने के लिए पेपर ट्रेडिंग एक शानदार तरीका है। इससे आप वास्तविक पैसे का जोखिम उठाए बिना इस पैटर्न को समझ सकते हैं और इसका अभ्यास कर सकते हैं।
  2. बैकटेस्टिंग: आप पुराने डेटा का उपयोग करके डबल बॉटम पैटर्न की बैकटेस्टिंग कर सकते हैं। इससे आप यह जान सकते हैं कि अतीत में इस पैटर्न ने कैसे काम किया और इससे भविष्य में संभावित ट्रेडिंग अवसरों का पूर्वानुमान कैसे लगा सकते हैं।
  3. चार्ट्स का विश्लेषण: विभिन्न वित्तीय साधनों (जैसे, स्टॉक्स, फॉरेक्स, कमोडिटी) के चार्ट्स का अध्ययन करें और देखें कि डबल बॉटम पैटर्न कहाँ और कैसे बनता है। इससे आपको इसे वास्तविक समय में पहचानने की आदत पड़ जाएगी।
  4. अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ उपयोग: डबल बॉटम पैटर्न का सही उपयोग करने के लिए इसे अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ मिलाकर देखें। इससे आप अधिक सटीक ट्रेडिंग निर्णय ले सकते हैं।

डबल बॉटम पैटर्न के लिए सावधानियाँ

  1. कंफर्मेशन का इंतजार करें: केवल W आकार देखकर ट्रेड में प्रवेश न करें। जब कीमतें नेकलाइन को तोड़कर ऊपर जाती हैं और उसके बाद एक या दो कैंडल्स उसी दिशा में मूव करती हैं, तभी कंफर्मेशन के साथ ट्रेड में प्रवेश करें। इससे आप फेक ब्रेकआउट्स से बच सकते हैं।
  2. स्टॉप लॉस का उपयोग करें: डबल बॉटम पैटर्न में ट्रेडिंग करते समय स्टॉप लॉस सेट करना बेहद जरूरी है। स्टॉप लॉस को दूसरे बॉटम के ठीक नीचे सेट करें। इससे अगर बाजार विपरीत दिशा में जाता है, तो आपका नुकसान सीमित रहेगा।
  3. अन्य संकेतकों का उपयोग करें: इस पैटर्न के साथ अन्य तकनीकी संकेतकों जैसे RSI, MACD, और मूविंग एवरेज का उपयोग करें। ये संकेतक आपके निर्णय को और अधिक सटीक बनाएंगे।
  4. वॉल्यूम का विश्लेषण: ब्रेकआउट के समय वॉल्यूम का बढ़ना इस पैटर्न की पुष्टि को मजबूत करता है। अगर ब्रेकआउट के समय वॉल्यूम अधिक होता है, तो यह संकेत है कि बाजार में तेजी की संभावना बढ़ सकती है।

डबल बॉटम पैटर्न का उपयोग किस प्रकार के निवेशकों के लिए उपयोगी है?

  1. स्विंग ट्रेडर्स: डबल बॉटम पैटर्न स्विंग ट्रेडर्स के लिए आदर्श है। वे इस पैटर्न का उपयोग करके संभावित ब्रेकआउट का लाभ उठा सकते हैं और मिड-टर्म मुनाफा कमा सकते हैं।
  2. इंट्राडे ट्रेडर्स: इंट्राडे ट्रेडिंग में भी डबल बॉटम पैटर्न उपयोगी हो सकता है। इंट्राडे ट्रेडर्स छोटी समयावधि के चार्ट्स पर इस पैटर्न को देख सकते हैं और दिन के भीतर संभावित ट्रेडिंग अवसरों का लाभ उठा सकते हैं।
  3. लॉन्ग-टर्म निवेशक: लॉन्ग-टर्म निवेशक इस पैटर्न का उपयोग करके यह समझ सकते हैं कि कब किसी डाउनट्रेंड का अंत हो सकता है और तेजी की शुरुआत हो सकती है। इससे वे समय पर खरीदारी का निर्णय ले सकते हैं।

डबल बॉटम और डबल टॉप में अंतर क्या है?

डबल बॉटम (Double Bottom) और डबल टॉप (Double Top) दोनों ही चार्ट पैटर्न्स हैं जो तकनीकी विश्लेषण में उपयोग किए जाते हैं। ये दोनों पैटर्न्स बाजार में संभावित रिवर्सल का संकेत देते हैं। हालाँकि, इन दोनों पैटर्न्स के कार्य करने के तरीके और संकेतों में अंतर होता है। आइए, जानते हैं इन दोनों पैटर्न्स में क्या अंतर है:

1. परिभाषा और संरचना:

  • डबल बॉटम (Double Bottom):
    • डबल बॉटम एक बुलिश रिवर्सल पैटर्न है, जो किसी डाउनट्रेंड के बाद बनता है और यह दर्शाता है कि बाजार में गिरावट के बाद तेजी आ सकती है।
    • इसका आकार “W” की तरह होता है, जिसमें दो बॉटम्स होते हैं जो लगभग समान स्तर पर होते हैं। यह पैटर्न बाजार में संभावित तेजी का संकेत देता है।
  • डबल टॉप (Double Top):
    • डबल टॉप एक बियरिश रिवर्सल पैटर्न है, जो किसी अपट्रेंड के बाद बनता है और यह दर्शाता है कि बाजार में तेजी के बाद गिरावट आ सकती है।
    • इसका आकार “M” की तरह होता है, जिसमें दो टॉप्स होते हैं जो लगभग समान स्तर पर होते हैं। यह पैटर्न बाजार में संभावित मंदी का संकेत देता है।

2. मूल उद्देश्य:

  • डबल बॉटम:
    इसका उद्देश्य बाजार में गिरावट के बाद संभावित तेजी (बुलिश रिवर्सल) की पहचान करना है। जब यह पैटर्न बनता है, तो यह संकेत देता है कि कीमतें अब ऊपर की ओर बढ़ सकती हैं।
  • डबल टॉप:
    इसका उद्देश्य बाजार में तेजी के बाद संभावित गिरावट (बियरिश रिवर्सल) की पहचान करना है। जब यह पैटर्न बनता है, तो यह संकेत देता है कि कीमतें अब नीचे की ओर गिर सकती हैं।

3. रिवर्सल का संकेत:

  • डबल बॉटम:
    यह पैटर्न दर्शाता है कि बाजार में मंदी का दौर खत्म हो रहा है और अब तेजी का दौर शुरू हो सकता है।
  • डबल टॉप:
    यह पैटर्न दर्शाता है कि बाजार में तेजी का दौर खत्म हो रहा है और अब मंदी का दौर शुरू हो सकता है।

4. बनने का समय और परिस्थिति:

  • डबल बॉटम:
    यह पैटर्न डाउनट्रेंड के बाद बनता है, जब कीमतें गिरते-गिरते एक महत्वपूर्ण सपोर्ट स्तर तक पहुँचती हैं और फिर दो बार उस स्तर से पलटती हैं।
  • डबल टॉप:
    यह पैटर्न अपट्रेंड के बाद बनता है, जब कीमतें बढ़ते-बढ़ते एक महत्वपूर्ण रेजिस्टेंस स्तर तक पहुँचती हैं और फिर दो बार उस स्तर से गिरती हैं।

5. ट्रेडिंग रणनीति:

  • डबल बॉटम:
    इस पैटर्न में, ट्रेडर्स तब खरीदारी करते हैं जब कीमतें दूसरे बॉटम के बाद ऊपर की ओर बढ़ती हैं और नेकलाइन को तोड़ती हैं। इसका टार्गेट आमतौर पर नेकलाइन और बॉटम के बीच की दूरी को मापकर तय किया जाता है।
  • डबल टॉप:
    इस पैटर्न में, ट्रेडर्स तब बिकवाली करते हैं जब कीमतें दूसरे टॉप के बाद नीचे की ओर गिरती हैं और नेकलाइन को तोड़ती हैं। इसका टार्गेट भी नेकलाइन और टॉप के बीच की दूरी को मापकर तय किया जाता है।

6. साइकोलॉजी:

  • डबल बॉटम:
    डबल बॉटम पैटर्न में, जब कीमतें दो बार एक ही स्तर तक गिरती हैं और वहाँ से पलटती हैं, तो यह दर्शाता है कि विक्रेताओं की ताकत कमजोर हो रही है और खरीदार बाजार में प्रवेश कर रहे हैं। इससे बाजार में तेजी की संभावना बढ़ती है।
  • डबल टॉप:
    डबल टॉप पैटर्न में, जब कीमतें दो बार एक ही स्तर तक बढ़ती हैं और वहाँ से गिरती हैं, तो यह दर्शाता है कि खरीदारों की ताकत कमजोर हो रही है और विक्रेता बाजार में नियंत्रण हासिल कर रहे हैं। इससे बाजार में गिरावट की संभावना बढ़ती है।

7. पैटर्न की पहचान:

  • डबल बॉटम:
    यह पैटर्न “W” आकार का होता है और इसे चार्ट पर आसानी से पहचाना जा सकता है। इसमें दो न्यूनतम बिंदु (Bottoms) होते हैं और बीच में एक रेजिस्टेंस (Neckline) होता है।
  • डबल टॉप:
    यह पैटर्न “M” आकार का होता है और इसे चार्ट पर आसानी से पहचाना जा सकता है। इसमें दो उच्चतम बिंदु (Tops) होते हैं और बीच में एक सपोर्ट (Neckline) होता है।

निष्कर्ष

डबल बॉटम पैटर्न तकनीकी विश्लेषण का एक महत्वपूर्ण और विश्वसनीय बुलिश रिवर्सल पैटर्न है। यह पैटर्न दर्शाता है कि किसी डाउनट्रेंड के बाद बाजार में तेजी का रुझान आ सकता है। इसकी सरल संरचना और उच्च सटीकता के कारण इसे पहचानना और समझना आसान है।

हालांकि, केवल इस पैटर्न पर निर्भर रहना जोखिम भरा हो सकता है। अन्य तकनीकी संकेतकों के साथ मिलाकर इसका उपयोग करें और सही कंफर्मेशन के बाद ही ट्रेड में प्रवेश करें। साथ ही, सही समय पर स्टॉप लॉस और टार्गेट सेट करना भी अनिवार्य है, ताकि आप अपने जोखिम को सीमित कर सकें और मुनाफा बढ़ा सकें।

इस पैटर्न का नियमित अभ्यास करें, चार्ट्स का अध्ययन करें और इसे अपनी ट्रेडिंग रणनीति में शामिल करें। इससे आप बाजार में संभावित बदलावों का पूर्वानुमान लगा सकेंगे और अपनी ट्रेडिंग यात्रा को सफल बना सकेंगे।

आपकी ट्रेडिंग यात्रा में सफलता की शुभकामनाएँ!

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Trader Krishan

नमस्कार मैं कृष्ण कुमार इस ब्लॉग का संस्थापक हूं मैं पैसे से Youtuber पर और Blogger हूं मुझे ट्रेडिंग करते हुए 3 साल हो गए हैं अभी तक मैंने मार्केट शेयर बाजार के बारे मे जितना सीखा है उसे मे Tradezonezero.com हिन्दी blog के माध्यम से आप के साथ बाटना चाहता हु। |

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